बिहार में वोटर लिस्ट की समीक्षा का काम तेजी से जारी है. ये प्रक्रिया पूरी होने में अभी 7 दिन बाकी हैं. चुनाव आयोग का कहना है कि अभी तक 94.68 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है. 5.2 प्रतिशत यानी की 41 लाख 10 हजार 213 मतदाताओं के गणना फॉर्म अभी लिए जाने हैं. अब तक 4.67 फीसदी मतदाता अपने पते पर अनुपस्थित पाए गए हैं. चुनाव आयोग ने इसके चार कारण बताए हैं. इसमें 

पहला– 12 लाख 71 हजार 414 यानी की 1.61% मतदाताओं की मौत हो चुकी है. 

दूसरा– 18 लाख 16 हजार 306 मतदाता स्थायी रूप से पता बदल चुके हैं. 

तीसरा– 5 लाख 92 हजार 273 मतदाताओं का एक से ज्यादा स्थानों पर नामांकन है. 

चौथा– 6 हजार 978 मतदाताओं का कोई पता नहीं चला है.

चुनाव आयोग का कहना है कि ऐसे मतदाता जिनकी संभवतः मौत हो चुकी है, जो स्थायी रूप से अपना पता बदल चुके हैं, जो एक से अधिक स्थानों पर नामांकित हैं और जिनका पता नहीं चल पा रहा है अथवा जिनसे बीएलओ के कई दौरों के बाद भी फॉर्म वापस नहीं मिला है, उनकी लिस्ट अब राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों या उनके द्वारा नियुक्त 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंटों के साथ भी शेयर की जा रही है.

फाइनल वोटर लिस्ट 30 सितंबर को

एसआईआर आदेश के अनुसार, 1.5 लाख से अधिक बीएलए में से हर बीएलए रोजाना 50 फॉर्म सत्यापित कर जमा कर सकता है. ताकि कोई भी पात्र मतदाता न छूटे. 25 सितंबर तक दावों और आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद फाइनल वोटर लिस्ट 30 सितंबर को जारी की जाएगी.

राजनीतिक दलों को दी जाएगा फाइनल लिस्ट

फाइनल वोटर लिस्ट की प्रिंटेड और डिजिटल कॉपी सभी राजनीतिक दलों को दी जाएंगी. इसके साथ ही चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. इसके बाद ERO के किसी भी फैसले से असंतुष्ट कोई भी निर्वाचक लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 की धारा 24 के तहत जिला मजिस्ट्रेट और मुख्य निर्वाचन अधिकारी से अपील कर सकता है.

चुनाव आयोग के दावे पर तेजस्वी का बयान

चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया के बीच बिहार में इस पर सवाल भी उठ रहे हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव लाखों मतदाताओं के अपने पतों पर ना मिलने के चुनाव आयोग के दावे को खारिज किया. उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग भारतीय जनता पार्टी का एक सेल बन गया है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर भ्रम फैला रहा है.

आरजेडी नेता का चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप

तेजस्वी यादव ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि चुनाव आयोग को बीजेपी से 15 फीसदी तक मतदाताओं के नाम हटाने के निर्देश मिल रहे हैं. हम वोटर लिस्ट की समीक्षा का विरोध कर रहे हैं मगर आयोग दुष्प्रचार के जरिए राज्य में जो हासिल करने की कोशिश कर रहा है, वो खतरनाक है. 15 दिन पहले तक हजारों मतदान केंद्र ऐसे थे, जहां कोई बूथ लेवल अधिकारी ही नहीं था.