दूसरे विश्व युद्ध में भी नहीं हुआ था अमेरिका का इतना बुरा हाल, इससे कैसे निकलेगी इकॉनमी?
Updated on
15-04-2024 01:25 PM
नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश अमेरिका पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। देश का कर्ज करीब 35 ट्रिलियन डॉलर पहुंच चुका है। अमेरिका का डेट-टु-जीडीपी रेश्यो 125% पहुंच गया है। यह दूसरे विश्व युद्ध से भी बदतर स्थिति है। अमेरिका दुनिया के उन पांच देशों में शामिल है जहां डेट-टु-जीडीपी रेश्यो सबसे अधिक है। इनमें जापान 255% के साथ पहले, ग्रीस (168%) दूसरे, सिंगापुर (168%) तीसरे और इटली (144%) चौथे नंबर पर है। अमेरिका का कर्ज पिछले 24 साल में छह गुना बढ़ा है। साल 2000 में अमेरिका पर 5.7 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज था जो अब करीब 35 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया है। यूएस कांग्रेस के बजट दस्तावेजों के मुताबिक अगले दशक तक देश का कर्ज 54 ट्रिलियन डॉलर पहुंचने का अनुमान है। पिछले तीन साल में ही देश का कर्ज 10 ट्रिलियन डॉलर से अधिक बढ़ चुका है। स्थिति यह हो गई है कि अमेरिका को रोज 1.8 अरब डॉलर ब्याज के भुगतान में खर्च करने पड़ रहे हैं।
जीडीपी की तुलना में कर्ज बढ़ने का मतलब है कि सरकार की कमाई कम हो रही है और खर्च बढ़ गया है। माना जा रहा है कि अगले कुछ साल में अमेरिका का डेट-टु-जीडीपी रेश्यो 200 परसेंट तक पहुंच सकता है। मतलब देश का कर्ज इकॉनमी से दोगुना पहुंच जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो कर्ज चुकाते-चुकाते ही अमेरिका का दम निकल जाएगा। जानकारों की मानें तो यह इकॉनमी और नेशनल सिक्योरिटी के लिए अच्छी बात नहीं है। इससे सरकार को रिसर्च एंड डेवलपमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा पर होने वाले कुल खर्च से ज्यादा पैसा ब्याज चुकाने में देना होगा। चिंता यह है कि अमेरिका का कर्ज ऐसे वक्त में बढ़ रहा है जब देश की इकॉनमी अच्छी स्थिति में है और बेरोजगारी कम है। अमूमन जब इकॉनमी कमजोर होती है तो सरकार खर्च बढ़ाती है ताकि ग्रोथ को हवा दी जा सके। लेकिन यहां तो उल्टी गंगा बह रही है। लेकिन देश के पास इस स्थिति से निकलने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 1800 के बाद 52 देशों का डेट-टु-जीडीपी रेश्यो 130% से अधिक हुआ है। इनमें से 51 देश डिफॉल्टर हो गए थे।
डिफॉल्ट की दहलीज पर
पिछले साल जून में अमेरिका डिफॉल्ट की दहलीज पर पहुंच गया था। बढ़ते कर्ज से अमेरिका में एक बार फिर शटडाउन की नौबत आ सकती है। देश की क्रेडिट रेटिंग पर इसका असर दिखना शुरू हो गया है। फिच ने अमेरिका के सॉवरेन डेट की रेटिंग अगस्त में AA+ से घटाकर AAA कर दी थी। साथ ही नवंबर में मूडीज ने चेतावनी दी थी कि वह अमेरिका की AAA रेटिंग में कटौती कर सकता है। दुनिया के 10 देशों में डेट-टु-जीडीपी 100 फीसदी से ज्यादा है। इनमें जापान, ग्रीस, सिंगापुर, इटली, अमेरिका, फ्रांस, पुर्तगाल, स्पेन, कनाडा और बेल्जियम शामिल हैं। यानी इन देशों का कर्ज उनके जीडीपी से अधिक है। मसलन अमेरिका का कर्ज करीब 35 ट्रिलियन डॉलर है जबकि उसकी जीडीपी का आकार करीब 28 ट्रिलियन डॉलर है।
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