मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर वे 5 बार सांसद रह चुके हैं। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बुधनी सीट पर चुनाव प्रचार कमान संभालने वाले उनके बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान विदिशा लोकसभा में भी इलेक्शन मैनेजमेंट और प्रचार कर रहे हैं। कार्तिकेय ने पिता के राजनैतिक भविष्य और खुद के करियर के बारे में दैनिक भास्कर से चर्चा की।
सवाल- विदिशा के लोकसभा चुनाव को कैसे मैनेज कर रहे हैं?
जवाब- मैं बुधनी के 19.50 लाख लोगों में से एक हूं, कोई एक नेता नहीं। विदिशा संसदीय क्षेत्र की बात करें तो जनता ही यहां शिवराज सिंह चौहान बनकर चुनाव लड़ रही है। विदिशा संसदीय क्षेत्र में माहौल पारिवारिक है उनकी राजनीतिक तपस्या इस प्रकार की रही है कि उन्होंने जनता से पारिवारिक रिश्ते बनाए हैं। लोग आज भी उनको अपना बेटा मानते हैं। उसी प्रकार भांजे-भांजी बहनें और भाई सब उनके साथ चुनाव लड़ रहे हैं। माता-पिता तुल्य ऐसे कार्यकर्ता हैं, जो आज भी उनको अपना बेटा मानते हैं। परिवार आशीर्वाद दे रहा है। सब उनके साथ चुनाव लड़ रहे हैं।
सवाल- विधानसभा चुनाव में शिवराज जी ने बुधनी में चुनाव प्रचार नहीं किया, और वे 1 लाख से अधिक वोटों से जीते। उस वक्त आपने चुनाव कैसे मैनेज किया?
जवाब- अकेले कोई व्यक्ति इसका क्रेडिट ले, यह सही नहीं होगा। सैकड़ों कार्यकर्ता मेरे साथ थे। जिन्होंने रात दिन एक किया। यह सबकी मेहनत थी जिसके कारण पूर्व मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में भी हम एक लाख से ज्यादा वोटों से जीते।
सबका इंवॉल्वमेंट था, यह एक जन अभियान बन गया था कि हम सब चुनाव लड़ रहे हैं और हम सबको जीतना है। दूसरा मैं मानता हूं पार्टी संगठन। हमारा संगठन बहुत मजबूत है। हमारा संगठन जमीनी लेवल तक काम करता है। हर पोलिंग बूथ तक और पोलिंग बूथ के भी नीचे उतर जाएं तो हमारे पास पन्ना प्रमुख और पन्ना प्रभारी हैं। जब इस इकाई के हर व्यक्ति को आप काम पर लगाते हैं और एक विचार से जोड़ते हैं तो उसका प्रभाव अच्छी तरह से देखने को मिलता है। वही हमने विधानसभा चुनाव में देखा।