होशंगाबाद संसदीय सीट से लगातार तीन बार विजय प्राप्त कर सरताज सिंह यहां अपने पैर मजबूती से जमा चुके थे। वर्ष 1998 के लोकसभा चुनावों में उनकी काट के रूप में कांग्रेस ने अर्जुन सिंह जैसे धुरंधर को उतारा। राजनीति के दिग्गज अर्जुन सिंह का प्रचार उनके बेटे अजय सिंह और उनकी टीम ने संभाला। अर्जुन सिंह पूरी ताकत से चुनाव में उतरे थे।
प्रचार की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में हेलीकाप्टर से प्रचार के पर्चे गिराए गए। इसमें कांग्रेस यानी अर्जुन सिंह को जिताने की अपील की गई थी। इधर अर्जुन सिंह का हेलीकाप्टर गांव-गांव उड़ान भर रहा था वहीं सरताज सिंह अपने अंदाज में पुरानी जीप से प्रचार में लगे थे।
कांटे की टक्कर में अंदाजा लगाना तो मुश्किल ही था। मतगणना हुई तो होशंगाबाद की जनता ने राजनीति के पंडितों तक को चौंका दिया। सरताज सिंह ने अर्जुन सिंह को एक लाख 60 हजार वोटों से हरा दिया।
सरताज सिंह का जन्म वर्ष 1940 में भोपाल में हुआ था। उन्होंने होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की। उन्होंने होशंगाबाद (वर्तमान के नर्मदापुरम) के नजदीक इटारसी में अपना घर बनाया और यहां ऐसे रच-बस गए कि अधिकतर लोग उन्हें इटारसी का ही मूल निवासी समझते थे।
बाबूजी नाम से पहचाने जाने वाले सरताज सिंह जनता के बीच गहरी पैठ रखते थे। संसदीय क्षेत्र में सिख समाज के 100 घर भी नहीं होने के बावजूद उन्होंने लगातार पांच बार यहां से लोकसभा का चुनाव जीता।